पार्सल
- जिन मदों का पारेषण निषेधित है, उनके अलावा कोई भी मद पार्सल में भेजी जा सकती है। पार्सल में,पाने वाले को निजी पत्र की प्रकृति का एक एकल पत्र अथवा व्येक्तिगत पत्र जो पार्सल के प्रेषिती को सम्बो धित हो, भेजा जा सकता है।
- बशर्ते कि जैसा कि उपखंड (क) में दर्शाया गया है कि पार्सल में कोई भी लिखित पत्राचार संलग्नि नहीं किया जाना चाहिए।
- उपखण्डी (1) द्वारा अनुमति प्रदत्ति लिखित पत्र व्यजवहार के अतिरिक्तय यदि किसी पार्सल में लिखित पत्र व्यीवहार होने का शक होता है तो उस पर ‘खुले वितरण हेतु’ मार्क करके अपने गंतव्यक पर पहुंचा दिया जाएगा। वितरण के कार्यालय में पाने वाले या उनके किसी प्राधिकृत एजेंट के सामने उस पार्सल को खोलने पर उपखण्डक (1) के द्वारा अनुमेय लिखित पत्र व्य वहार के अलावा कोई लिखित पत्र-व्यपवहार का होना पाया जाता है तो प्रत्येयक ऐसे लिखित पत्र व्यहवहार के लिए वितरण के समय पत्र डाक महसूल का दुगुना प्रभार लिया जाएगा। इस प्रभार का आकलन करते समय पार्सल पर दिए डाक व्यकय को साथ में नहीं जोड़ा जाएगा। यदि पार्सल पाने वाला व्यलक्ति अपेक्षानुसार उपस्थित नहीं हो पाता है या पूरा प्रभार देने से मना करता है तो वह पार्सल भेजने वाले को वापस लौटा दिया जाएगा, जिससे कि इस प्रभार की वसूली भी नहीं की जाएगी।
अपंजीकृत पार्सल | पंजीकृत पार्सल (यदि शाखा डाकघर में अथवा को प्रेषित किया गया हो तो) | अन्य मामलों में |
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4kg से अधिक नहीं होनी चाहिए | 10 kg से अधिक नहीं होनी चाहिए | 20 kg से अधिक नहीं होनी चाहिए |
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- किसी भी पार्सल को किसी पर्याप्तव मजबूत केस रैपर में बंद करके या कवर में इस प्रकार बांधा जाना चाहिए, जिससे कि डाक की ढुलाई में उसकी अंतर्वस्तुम को किसी भी प्रकार की क्षति या नुकसान से बचाया जा सके या किसी प्रकार की हेर फेर को रोकने अथवा डाक की अन्यं मदों का किसी भी प्रकारका नुकसान होने से बचाया जा सके। यदि किसी पार्सल में कपड़े या ऊनी सामग्री हो तो उसे मजबूती से पैक करके उसकी बाहरी कवरिंग मोटे गत्ते या कपड़े की होनी चाहिए। सुझाव दिया जाता है कि लकड़ी या मोटे गत्तेर के केस में सामग्री के स्वकरूप के अनुसार पार्सल पैक किया जाना चाहिए।
- द्रव्यों तथा आसानी से द्रवित होने वाले पदार्थों को दोहरे पात्रों में प्रेषित करना चाहिए। पहले पात्र (बोतल, टाक, बक्स आदि) और दूसरे पात्र के बीच (जो कि किसी धातु या मजबूत लकड़ी का होना चाहिए) कुछ जगह होनी चाहिए जिसे लकड़ी का बुरादा, फूस या कोई अन्यक सोखने वाली सामग्री से पर्याप्तल मात्रा में डालकर भरा जाना चाहिए, जिससे कि किसी भी सामान के छूटने पर भी वह उस द्रव्यर पदार्थ को अपने आप में अच्छीा तरह से सोख ले।
- जीवित मधुमक्खियों को उचित केसों में बंद करके ऐसे पैक करना चाहिए, जिससे डाक द्वारा पारेषण के दौरान अन्यु डाक सामग्री की हानि अथवा डाकघर के कर्मचारियों को किसी प्रकार की चोट से बचाया जा सके।
मानव तथा अन्यज आंतरांग
मानव तथा अन्य आंतरांगों को विश्लेेषण के लिए रासायनिक परीक्षकों को अन्तरर्देशीय डाक द्वारा भेजा जा सकता है। पशुचिकित्संकों या भेषज विज्ञान में अर्हता प्राप्तक व्यकक्ति द्वारा ब्रेन्सस ऑफ रैबिड एनीमल्स भी डाक द्वारा प्राधिकृत प्रयोगशालाओं को भेजा जा सकता है।
प्रत्ये क मामले में निम्न लिखित शर्ते लागू होगीं :
(क) संदिग्धल आंतरांग या अन्यत सामग्री जिसे परीक्षण के लिए भेजना होता है, को कांच की बोतल या मर्तबान में, जिसके ऊपर डाट या मजबूत कार्क से बंद किया होना चाहिए।
(ख) इस बात पर विशेष ध्याॉन दिया जाना चाहिए कि बोतल पर डाट या कार्क अच्छीा तरह से बंद हो। विशेष रूप से जिन परिरक्षकों में अल्कोाहॅल का उपयोग किया जाता है, ऐसे मामलों में बोतल के ऊपरी किनारे पर मधुमोम या मोमबत्तीक की परत इस प्रकार चढ़ा दी जानी चाहिए, जिससे कि स्टॉ पर का फलक ठीक प्रकार से कवर हो जाए।स्टॉीपर को ब्लै डर या चमड़े से ध्याानपूर्वक अच्छीट तरह से बांधकर सील कर देना चाहिए।
(ग) कांच की बोतल या मर्तबान को किसी मजबूत लकड़ी या टीन के बक्सर में रखा जाना चाहिए, जो कि कम से कम इतना बड़ा हो जिसमें कम से कम 18 मि.मी. की रॉ-कॉटन की एक परत उस बोतल अथवा मर्तबान तथा बक्सो के बीच बिछाई जा सके।
(घ) बाक्स को भी कपड़े में लपेटकर उसे अच्छी। तरह से बंद करके सील करना चाहिए।सिलाइयों पर सील को कम से कम 3 इंच की दूरी पर लगाना चाहिए। सभी सीलें एक ही प्रकार की मोम की होनी चाहिए, जिस पर एक ही प्रकार की मोहर लगी होनी चाहिए। डिवाइस करन्टा सिक्केक या मात्र सीधी या आड़ी तिरछी लकीरों की नहीं होनी चाहिए।
प्ले ग कल्चकर तथा एंथ्रैक्स। स्पोिर वैक्सी न
- कल्चदर या अन्यर मदें जिनमें प्ले ग के सक्रिय रोगाणुओं का होना या होने की संभावना हो, को अंतर्देशीय डाक द्वारा निम्नखलिखित शर्तों के अध्येधीन पारेषित किया जा सकता है :
(क) ऐसे कल्चार तथा ऊपर बताई गई अन्यष मदों को पारेषण के लिए तब तक नहीं भेजा जाना चाहिए, जब तक कि वे किसी अधिकृत चिकित्सात अधिकारी, सेना के सहायक शल्यन चिकित्सेक या ऐसा मेडिकल प्रैक्टिशनर जिसके पास कोलकाता, पंजाब, चेन्नाई या मुम्बहई विश्वविद्यालय से प्रदत्तय एलएमएस से कम की अर्हता न हो या केन्द्रत सरकार या राज्यक सरकार द्वारा ऐसे कल्चर या अन्या मदों को प्रेषित करने के लिए विशेष अनुमति प्रदत्त् व्याक्ति द्वारा, जब तक कि वह किसी सरकारी प्रयोगशाला को या केन्द्र या राज्यव सरकार द्वारा विशेष अनुमति प्रदत्ता व्यिक्ति को ऐसे कल्चपर या अन्यो मदें प्राप्तो करने के लिए भेजी न गई हों।
(ख) ऊपर बताए गए कल्च र या अन्य मदों को किसी पर्याप्तच मजबूत वायुरूद्ध पैकेट में अच्छीम तरह से बन्दक करके, उसे लकड़ी के किसी ऐसे बक्सक में रखा जाना चाहिए जिसके अन्द्र व बाहरी केस के बीच कम से कम 18 कि.मी. की रॉ-काटन बिछाई जा सके।
(ग) बाहरी केस को मोटे कपड़े में लपेटकर, उसे अच्छीु तरह सिल कर उस पर सील लगाकर तथा उस पर लेबल लगाएं, जिस पर अन्देर पैक हुए सामान की वस्तुफ साफ अक्षरों में लिखी हुई हो जिसे पढते ही अन्दपर पैक सामान की मालसूची का ज्ञान हो सके।
(घ) भेजने वाले को पार्सल को डाकघर में प्रस्तुंत करना होगा व उसके साथ अन्ददर पैक किए सामान की वस्तुज की घोषणा साथ में भेजनी होगी तथा इससे संबंधित स्वगयं द्वारा हस्ताोक्षरित एक प्रमाण पत्र देना होगा कि उसने पानेवाले को प्रेषण की सूचना दे दी है तथा पाने वाले, यदि वह कोई सरकारी प्रयोगशाला नहीं है तो उसे केन्द्र सरकार या राज्यथ सरकार द्वारा ऐसे कल्चकर या अन्यर मदों को प्राप्तह करने की विशेष अनुमति दी गई हो। इसके अतिरिक्ते प्रमाण पत्र पर यह स्पसष्ट् लिखा होना चाहिए कि भेजने वाला शर्त (क) में दिए अर्थों में ऐसे कल्चरर तथा अन्य मदों को भेजने के लिए प्राधिकृत है।
- केन्द्रप या राज्यग सरकारों द्वारा अनुमति प्राप्त वे प्रयोगशालाएं एन्थ्रै क्सन स्पो र वैक्सीबन की बोतलें डाक द्वारा पारेषित कर सकती हैं जिन्हें इन्हेंम प्रेषित करने अथवा प्राप्त करने की अनुमति है जो ऊपर बताए (ख), (ग) एवं (घ) में विहित शर्तों के अध्यतधीन होगा।
क्षयरोग लार
संक्रमित क्षयरोग की स्पे टम निम्नंलिखित शर्तों के अध्येधीन डाक द्वारा प्रेषित की जा सकती है :
- बशर्ते कि स्पूवटा सैम्पमलों तथा क्षयरोग से संबंधित अन्य सामग्री को सरकार द्वारा ऐसी सामग्री प्राप्त् करने की विशेष रूप से अनुमति प्रदान की गई हो।
- बशर्ते कि सामग्री को स्पिल प्रूफ ग्लारस मैटल या वैक्स पेपर के पात्र में रखा जाए जो टीन या किसी मजबूत लकड़ी के बक्सर में पैक हो तथा ¾ इंच की रॉ काटनवुड की तह बाक्स तथा पात्र के बीच बिछी हो। बाक्सो को अच्छीथ प्रकार से सील लगानी चाहिए।
- बक्स को मोटे कपड़े में लपेटकर उसे अच्छी तरह सिल कर उस पर सील लगाकर लेबल लगाएं, जिन पर अन्दोर पैक हुए सामान की विषयवस्तु साफ अक्षरों में लिखी हुई हो।
तेज गन्ध, वाली सामग्री
तेज गन्ध वाली सामग्री(जैसे कि हींग आदि) को टीन या किसी अन्य धातु के वायुरुद्ध सील लगे हुए बक्सग में भेजा जाना चाहिए।
- सैलूलॉयड ज्व लनशील फिल्मेंप, रॉ या विनिर्मित सैलूलॉयड को दोहरे पात्र में पैक करना चाहिए, ऐसी सामग्री को पहले बंद करना चाहिए। सैलूलॉयड या ऐसी सामग्री के मामले में जो पूर्णतया या जिनमें आंशिक रूप से सैलूलॉयड मौजूद हो, को टीन, गत्ते या लकड़ी के बक्सू में बंद करके बाक्सक में बची खाली जगह को अच्छीॉ तरह से बंद करना चाहिए जिससे कि सामग्री किसी भी तरह से इधर उधर लुढ़क न सके। इस बाक्सम को चारों तरफ से पैडिंग सामग्री से लपेट कर, कम से कम 10 मि.मी. (3/8 इंच) के लकड़ी के तख्तोंक से बने बाक्स, जिसके सिरे आपस में सामंजस्यचता पूर्वक जुड़े हों तथा बाक्सी का निचला हिस्सा व उसका ढक्किन चारों किनारों से मजबूती से स्क्रू द्वारा बंद किए हों तथा यदि उनके बीच कोई जगह रह जाती है तो उसमें अतिरिक्ता पैकिंग सामग्री भर देनी होगी जिससे कि अन्दनर रखा दोहरा पात्र मजबूती से उसकी पकड़ में रहे तथा उसमें किसी प्रकार की खड़खड़ाहट न हो। पार्सल पर जिस स्थातन पर पता लिखा हुआ हो, वहां पर सफेद लेबल पर काले अक्षरों में अन्दपर की अंतर्वस्तु् का उल्लेुख होना चाहिए।
- गैर ज्व लनशील या ‘सेफ्टी’ चलचित्रदर्शी फिल्मों के मामले में, प्रत्येपक पार्सल पर बाहर की तरफ साफ काले अक्षरों में, ‘सेफ्टी फिल्म स गैर ज्विलनशील’ लिखना चाहिए,ज्वंलनशील फिल्मों की पैकिंग से संबंधित ऊपर उपखंड (1) में, उल्लिखित प्रावधान गैर ज्वललनशील फिल्मोंच की पैकिंग के लिए लागू नहीं होंगे।
ओसमिक एसिड
ओसमिक एसिड (ओसमियम टेटराक्साैइड) को अन्तरर्देशीय डाक के माध्यलम से निम्नपलिखित शर्तों के अध्यकधीन पारेषित किया जाता है :
- एसिड को मोटे ग्लापस के कैप्सू ल में वायुरूद्ध सील लगाकर अच्छीब तरह से पैक किया जाना चाहिए तथा उसे टीन के बक्से के बीचोंबीच रखकर चारों तरफ रेत इस प्रकार भरनी होगी कि उस ग्लाचस कैप्सूेल और टीन के बाक्सक के बीच चारों ओर से कम से कम 4.3 सेमी की तह बन जाए।
- टीन केस के बाहरी तरफ लाल अक्षरों से एक चौथाई इंच मोटे अक्षरों में ‘ओसमिक एसिड संचलित करना खतरनाक’ लिखा होना चाहिए।
- टीन के बक्सब को ठीक से टांका लगाकर, उसे लकड़ी के मजबूत बक्सम में रखकर उसके चारों तरफ अन्दकर के टीन बक्सेक और बाहर के लकड़ी के बक्सेल के बीच 2.5 से.मी. की रॉ काटन वूल भरी होनी चाहिए।
- लकड़ी के बाहरी बक्सी पर भी ‘ओसमिक एसिड’ लाल रंग से साफ अक्षरों में लिखा होना चाहिए।
- एक कैप्सूिल में दो ग्राम से अधिक वजन का एसिड नहीं भरा जाना चाहिए तथा एक पार्सल में एक कैप्सूकल से अधिक नहीं होना चाहिए।
इत्र
इत्र हालांकि स्पिटिटस सम्पााक होता है तथा कुछ मामलों में 35.6 से. (96 फारेनहाइट) या उससे कम ज्ववलनशील होता है तथा 60 यूपी से अधिक क्षमता वाले को निम्नालिखित शर्तों के अध्यंधीन अन्त्र्देशीय डाक द्वारा पारेषित किया जा सकता है :
- इत्र को कांच की बोतल में भरकर उस पर अच्छीह तरह से प्लकग लगाकर पुटित किया जाना चाहिए। कांच की बोतल को गत्तेब के डिब्बे में बन्दस करके उसके चारों तरफ कुशन लगाना चाहिए।
- गत्तेत के डिब्बेा को मजबूत कागज में लपेटकर, नालीदार (कोरूगेटिड ) कागज तथा शेविंग्सू वाले लकड़ी के बाक्स में रखा जाना चाहिए।
- लकड़ी के बक्से के बाहर लाल रंग से साफ अक्षरों में ‘इत्र-आग से दूर रखें’ लिखा होना चाहिए।
पार्सल पर डाक व्यघय तथा यदि पार्सल को रजिस्ट्रीवकृत करना हो तो उसका पूरा रजिस्ट्रेरशन शुल्का देना होगा। उस पर डाक-टिकटें चिपकी हुई होनी चाहिए, या पार्सल के कवर पर स्टैंूपिंग मशीन की मोहर तथा सरकारी लेबल जो कि डाकघर से बिना किसी शुल्का के मिल जाती है, भी लगी होनी चाहिए। यदि डाक टिकटों का प्रयोग किया जाता है तो भेजने वाला या उसके मैसेंजर को स्व यं डाक टिकट लगानी होगी। डाकघर के कर्मचारियों को उसे लगाना पूर्णतया निषिद्ध है। यदि भेजने वाला डाक टिकट स्वोयं नहीं चिपकाता और डाकघर का कोई कर्मचारी उस पर डाक टिकट लगाता है तो भेजने वाले को यह हिदायत दी जाती है कि डाकघर से बाहर आने से पहले वह स्वायं यह सुनिश्चित करे कि डाक टिकट ठीक प्रकार से लगा दी गई है।
नोट :यदि बचाव के लिए बाहरी कवर के लिए वैक्सा क्लारथ का प्रयोग किया गया है तथा वैक्सह-क्लाजथ पर एक पर्याप्त मजबूत कागज नहीं चढ़ाया गया है (देखें खण्डक 15) तो यह हिदायत दी जाती है कि डाक टिकट को हमेशा सरकारी लेबल पर ही चिपकाना होगा।
- डाक द्वारा पारेषित किए जाने वाले प्रत्ये क पार्सल (सरकारी पार्सलों सहित) को डाकघर की खिड़की पर प्रस्तु त करना होगा। पत्र पेटी में पड़ा हुआ कोई भी पार्सल रजिस्ट्रिकृत पार्सल के रूप में प्रभारित हुआ माना जाएगा।
- यदि किसी पार्सल में, ऊपर खंड 147 के उपखंड (2) व (3) तथा खंड 148 से 152 में उल्लिखित सामग्री प्रेषित की जाती है तथा उसे निर्धारित तरीके से पैक न किया गया हो तो ऐसे पार्सल को प्रेषित नहीं किया जाएगा।
हानि/पूर्ण/चोरी पूर्ण क्षति के मामले में भारत के डाकघरों में बुक किए गए अंतर्राष्ट्रीपय पंजीकृत वस्तुप के संबंध में दिया जाने वाला मुआवजा निम्नाकनुसार है :
हानि/पूर्ण चोरी/पूर्ण क्षति के लिए – 40 एसडीआर प्रति पार्सल तथा 4.50 एसडीआर प्रति कि.ग्राम
(1 एसडीआर =आईएनआर 65.8222, 2009 के लिए)