बीमा
सभी डाकघरों में मदों का बीमा हो सकता है। डाक द्वारा पारेषण के दौरान के सभी जोखिमों को बीमा कवर मिलता है बीमाकृत सभी मदों नामत: डाक व्येय, रजिस्ट्रे शन तथा बीमा शुल्क पर सभी प्रभारों का पूर्व संदाय अनिवार्य है। बीमाकृत मदों पर लगी डाक टिकटों को एक दूसरे से अलग रखना चाहिए, जिससे कि वे पत्र या पार्सल के कवर को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचा सके।
कौन सी मदें बीमाकृत की जा सकती हैं? | किस सीमा तक आप बीमा करवा सकते हैं |
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- रजिस्टमर्ड पत्र,
- मूल्यट देय रजिस्ट र्ड पत्र,
- रजिस्टमर्ड पार्सल,
- मूल्यट देय रजिस्ट र्ड पार्सल,
| - शाखा डाकघरों में 600/-रु. मूल्य तक का बीमा हो सकता है।
- अन्य डाकघरों में 1,00,000 रु. मूल्यक तक का बीमा हो सकता है।
- बीमा की जाने वाली वस्तुज के वास्तरविक मूल्यह से अधिक का बीमा नहीं किया जाना चाहिए।
- सोना, सिक्का् या बुलियन मुद्रा सरकारी करेंसी नोट या बैंक नोट या इनमें से किसी का मिश्रण का बीमा उस सामग्री के वास्त विक मूल्यर तक किया जा सकता है।
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उन सभी मूल्यह देय वस्तुपओं जिन पर वसूली के लिए विनिर्दिष्ट राशि 100रु. से अधिक है, के मामले में प्रेषिती से वसूली के लिए विनिर्दिष्टर राशि का बीमा करना भी अनिवार्य है। रेलवे रसीद, बिल बीजक,दस्ता वेज आदि जिनका कोई महत्व नहीं है तथा मुद्रित पेपरों सहित मूल्य देय पैकेट, बुक आदि जिन्हेंि बुक पैकेट दरों पर भेजा गया है, को छोड़कर)
सिक्केक, मुद्रा बुलियन,प्लेैटिनम, बहुमूल्यभ रत्नए, ज्वै,लरी, सरकारी करेंसी नोट या बैंक नोट तथा सोने व चांदी की मदें डाक द्वारा केवल बीमाकृत पत्रों, बीमाकृत पार्सलों द्वारा भेजी जानी चाहिए।
- बीमा के लिए प्रस्तु़त किए जाने वाले प्रत्येाक पत्र को मजबूत लिफाफे में बंद करना होगा जिसे अच्छीक तरह से बंद किया हुआ होना चाहिए तथा बढि़या किस्मम की मोम से उस पर एक ही प्रकार की सील लगी होनी चाहिए जिस पर कि अपना निजी मार्क लगा हो तथा उसकी संख्याब भी पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए जिससे कि सील को तोड़े बिना खोला न जा सके तथा यदि खोला जाए तो उल्लंाघन के निशान स्पलष्टर दिखाई देने चाहिए।
- ऐसे कवर पर प्रेषक द्वारा किसी भी प्रकार का लेबल नहीं चिपका होना चाहिए, बल्कि 1-1/2-2x3 इंच (3.8 सीबीx7.6सीबी) अधिकतम आकार के लेबल काट कर लगाए होने चाहिए, बीमाकृत सामग्री के कवर पर डाक टिकट के रूप में लगी फ्रैंक आवृत्ति स्वीीकार्य होगी।
- काले या रंगीन बार्डर या पारदर्शी पैनल वाला लिफाफा प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- सीलों को प्रत्येयक फ्लैप के ऊपर या कवर की सिलाई (सीम) के ऊपर लगाया जाना चाहिए और अगर कवर को धागे या टेप से बांधा जाए तो जहां धागा या टेप के सिरे जोड़े जाएं, वहां एक सील अवश्यं लगाएं।
- एक अतिरिक्ता एहतियात के रूप में (यदि सामग्री की विषय वस्तु अनुमति देती है) तो कवर के बीचों बीच एक धागा पार कर देना चाहिए और उसमें पड़ी सामग्री को बांध देना चाहिए तथा उस धागे की गांठ इस प्रकार बांधी जानी चाहिए कि वह लिफाफे के बीचोंबीच लगी सील के नीचे आ जाए।
- यदि किसी पार्सल में सोना या चांदी की मुद्रा या सिक्केट हो तो उसे लकड़ी या किसी धातु के मजबूत डिब्बेस में बंद करके उस पर बाहर से कपड़े या मोटे कागज को लपेटना होगा।
- बीमाकृत सामग्री पर लगी सभी सीलें एक ही प्रकार की मोम की होनी चाहिए तथा उन पर लगी मोहर भी किसी निजी चिन्हस की होनी चाहिए। वह चिन्हक किसी चल मुद्रा या सीधी या आड़ी-तिरछी लाईनें नहीं होनी चाहिए।
नोट :यह हिदायत दी जाती है कि बीमाकृत पत्रों के लिए रजिस्ट्रेकशन लिफाफे (जो कि सभी डाकघरों में उपलब्धा हैं) का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- वह इतना छोटा या उस पर पता लिखे हुए साइड की तरफ इतनी अधिक सूचना न लिखी गई हो या सिलिंग वैक्सय न लगाई गई हो अथवा पार्सल को इस तरह से तैयार न किया गया हो कि उस पर डाकघर का निर्धारित लेबल लगाने में किसी प्रकार की दिक्कतत आए।
- बीमा कराए जाने वाली सामग्री को डाकघर खिड़की पर प्रस्तु त करना होगा।
- कवर पर पता लिखे गए स्थाहन पर सबसे ऊपर बीमा मूल्य को साफ शब्दोंउ व अंकों में बिना मिटाए या शुद्धि किए लिखा जाना चाहिए।
- भेजने वाले को कवर के बायीं तरफ नीचे कोने पर अपना नाम व पता लिखना चाहिए और यदि कवर पर उसका नाम व पता लिखने की कोई जगह नहीं मिलती है तो उसे एक अलग पर्ची पर लिखकर सामग्री के साथ देना होगा।
- बीमाकृत मदों को भेजने के लिए डाकघरों में निर्धारित समय में डाकघर खिड़की पर बीमा के लिए प्रस्तु त सामग्री की एक रसीद उस व्यनक्ति को दी जाएगी, जो उसे डाकघर खिड़की पर प्रस्तुधत करेगा।
- किसी भी प्रकार की गलती या त्रुटि की सूचना प्रेषक को तुरंत देनी होगी, नहीं तो डाकघर किसी प्रकार के नुकसान या क्षतिपूर्ति का उत्तीरदायी नहीं होगा।
- बीमाकृत सामग्री को भेजन वाला विवरण की पावती, पाने वाले या उसके किसी प्राधिकृत एजेंट से बिना किसी प्रभार के पाने का हकदार है। भेजने वाले को पावती फार्म, जिस पर पाने वाले के हस्ताकक्षर होने होते हैं, को स्वकयं भरना होगा तथा ऐसा करने की उसे हिदायत भी दी जाती है।
- प्रेषक द्वारा किसी भी सामग्री के गुम होने की शिकायत डाकघर को देने पर उसकी क्षतिपूर्ति शिकायत करने की तारीख से एक महीने के बाद की जाएगी। अपवादस्व्रूप केवल उन मामलों को छोड़कर जहां सर्किल अध्ययक्ष परिस्थितिवश, यह महसूस करते हैं कि क्षतिपूर्ति के भुगतान को जांच करने के लिए रोका जाना आवश्य्क है।
- डाक सामग्री या उसकी कोई विषय वस्तुे के गुम होने या डाक द्वारा पारेषण के दौरान सामग्री को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचने की स्थिति में, भेजने वाले को उसकी क्षतिपूर्ति की जाएगी तथा किसी भी मामले में, सामग्री या उसके किसी भी विषय वस्तुज के गुम होने या नुकसान होने पर, क्षतिपूर्ति उसके मूल्या से अधिक नहीं होगी।
- सामग्री गुम होने पर भेजने वाले को डाक सामग्री की विषय-वस्तु और उसके मूल्य का पूरा विवरण देना होगा।
- किसी भी क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया जाएगा :
- जहां भेजने वाले द्वारा गलत या अधूरा पता लिखने के कारण गलत वितरण हुआ हो।
- हां प्रेषिती अथवा प्रेषक की ओर से कोई धोखाधड़ी हुई हो।
- जहां बीमाकृत सामग्री का वितरण पाने वाले को कर दिया गया हो, तथा उसने रसीद पर हस्तााक्षर करके उसे लौटा दिया हो।
- जहां भेजने वाले ने सामग्री डाक द्वारा प्रेषित करने की तारीख से तीन महीने के अन्दनर उसके गुम होने की शिकायत न की हो। जहां सामग्री को ठीक प्रकार से पैक न करने या असुरक्षित ढंग से पैक करने के कारण नुकसान हुआ हो।
- जहां कवर या सील पर कोई प्रत्यिक्ष नुकसान दिखाई न दे यह मान लिया जाएगा कि भेजने वाले को पत्र या पार्सल ऐसे पैक करना होगा कि उसके अन्दार की विषय-वस्तुक को प्रत्यक्ष रूप से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है।
- जहां बीमाकृत सामग्री में सरकारी करेंसी नोट, बैंक नोट, सोने के सिक्केप या मुद्रा या इनमें से कोई का मिश्रण भेजा गया हो तथा उसकी विषय-वस्तुि के वास्तसविक मूल्य् के लिए उसका बीमा नहीं हुआ हो।
- करेंसी नोटों की आधी संख्याउ गुम हो जाने की स्थिति में।
- बीमाकृत सामग्री की प्रकृति से होने वाले नुकसान के मामले में।
अथवा
- जहां बीमाकृत सामग्री में ऐसी कोई वस्तुे पारेषित की गई हो जिसका डाक द्वारा पारेषण निषिद्ध है।
- यदि डाक सामग्री के गुम होने पर क्षतिपूर्ति की भरपाई कर दी गई है तथा उसके बाद उस सामग्री या उस सामग्री का कुछ हिस्साि बरामद हो जाता है तो, बरामद हुई वस्तुल से निम्ना नुसार निपटा जाएगा :
- यदि बरामद हुई वस्तुई का मूल्यभ क्षतिपूर्ति की राशि के साथ जोड़ने के बाद, नुकसान की राशि से अधिक नहीं है तो बरामद हुई वस्तुू भेजने वाले को वापस लौटा दी जाएगी।
- यदि बरामद हुई सामग्री को क्षतिपूर्ति की राशि के साथ जोड़ने पर नुकसान हुई राशि से वह अधिक है, तो डाकघर को यह हक होगा कि वह उस सामग्री को भेजने वाले के द्वारा ऐसी अधिक राशि का वापसभुगतान करने पर उसे वापस लौटा दे या सर्किल अध्यमक्ष द्वारा, बरामद किए सामान को प्रतिसंहृत करके या निपटान करके बरामद हुए शेष सामान को, यदि कोई बचता है तो उसे भेजने वाले को वापस लौटा दे।